माँ का गीत (कविता)

अगर तू सूर्य होता
तो दिन भर आसमान में जलता रहता
अगर तू चाँद होता
तो पूर्णिमा से एकम तक
तुझे रोज़-रोज़ क़साई के कत्ते से
कटना पड़ता।
अगर तू तारा होता मेरे लाल
तो मुझसे कितना दूर होता
अच्छा हुआ तू बद्री नारायण हुआ।


रचनाकार : बद्री नारायण
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