कुछ इश्क़ के दीवाने हमको भी छल गए हैं।
जिनपर किया भरोसा वो ही बदल गए हैं।।
हालात हैं बुरे तुम वो छोड़कर चले हो,
अरमान दिल के सारे मेरे मसल गए हैं।
मेरी ख़ता हुई जो बातों में तेरी आई,
जो बेबसी में दिल के अरमाँ मचल गए हैं।
वो रात ग़म कि काली थे अश्क आँख मेरे,
तू ना पिघल सका पर पत्थर पिघल गए हैं।
उल्फ़त के नाम पर जो धोखा दिया है उसने,
है शुक्र उस ख़ुदा का गिरकर सँभल गए हैं।
हम शौक़ से मुहब्बत की राह पर चले थे,
चुनकर क़दम बढ़ाए फिर भी फिसल गए हैं।
ये बद्दुआ हमारी तू ख़ुश न रह सकेगा,
अब तो चिराग़ दिल में नफ़रत के जल गए हैं।
मैंने वफ़ा निभाई पर बेवफ़ा तुम्हीं थे,
यादों के तेरे मंज़र अब दिल से निकल गए हैं।

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