कवि की पत्नी (कविता)

बच्चों के लिए जेलर
पति के लिए होटल है
कवि की पत्नी।
मूँग की दाल पकाती है
टमाटर में नहाती है।
महँगाई की तरह
तुनकमिज़ाज।
कविता नहीं पढ़ती वह।


रचनाकार : इब्बार रब्बी
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