जिस घर जन्मी बेटी (कविता)

जिस घर जन्मी बेटी,
उस घर ख़ुशियों की बौछार है।
बेटी सम्मुख हर धन-दौलत,
फीकी इस संसार है।।

जिस घर जन्मी बेटी,
उस घर रिश्तों की भरमार है।
माँ, बहिन, बहू, पत्नी,
हर, रूप में प्यार ही प्यार है।।

जिस घर जन्मी बेटी ,
उस घर, लक्ष्मी का भण्डार है।
दुर्गा, काली, सरस्वती, भगवती,
हर मन्दिर का द्वार है।।

जिस घर जन्मी बेटी,
वह घर धन्य, धन्य परिवार है।
हर वृत सफल, उस घर का,
हर पूजा औ त्यौहार है।।

जिस घर जन्मी बेटी,
धन्य वह तात, मात औ भ्रात है।
होली, दीवाली सा उत्सव,
उस घर हर दिन, रात है।।


लेखन तिथि : 28 सितम्बर, 2021
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