जीवन एक व्यापार है (कविता)

जीवन एक व्यापार है,
धैर्य इसका आधार है।
लाभ-हानि होती रहती है,
धैर्य ना खोए वो ही समझदार है।
जीवन एक व्यापार है।

सुख-दुख आते जाते है,
लोग दुख से डर जाते है।
सुख मे सब भूल जाते है,
ये ही जीवन चक्कर बारम्बार है।
जीवन एक व्यापार है।

कभी उधार की ख़ुशियाँ ली,
तो कभी स्वार्थी हो गए।
फिर भी हमे कितना ग़ुरूर है,
सच कहूँ यहाँ हर इंसान क़र्ज़दार है।
जीवन एक व्यापार है।

जो समझ ना जीवन जीने का ढंग,
वो हो गया अपने जीवन से तंग।
धन को इतनी अहमियत ना दो,
लोभ माया से जीवन मे अंधकार है।
जीवन एक व्यापार है।

धन के लोभ मे रिश्ते ना छुटे,
कोई अपना कभी ना हमसे रूठे।
प्यार अपनेपन से जीत लो दिल,
इंसान के हाथों इसकी पतवार है।
जीवन एक व्यापार है।


लेखन तिथि : 27 अप्रैल, 2020
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