साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3568
कटनी, मध्य प्रदेश
1966
वे उलटे छुरे से मूंड़ते हैं क्योंकि उनके रोम-रोम में भ्रष्टाचार है समाया! इसीलिए ऐसे व्यक्ति को कहेंगे बेकारी महकमे का जमादार भाया!!
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