भारत माँ के पूत महान,
जय हो जवान और किसान।
एक देश की रक्षा करता,
एक पेट देश का भरता।
इनसे ज़िंदा है हिंदुस्तान,
जय हो जवान और किसान।
ये सहते तन पे काल्ली,
देश में लाते हैं ख़ुशहाली।
इन बिन बाजे नहीं ये तान,
जय हो जवान और किसान।
ना इनसे बड़ा कोई त्यागी,
ये सच्चे देश अनुरागी।
इनका उतरे ना अहसान,
जय हो जवान और किसान।
एक बॉर्डर पे जंग-झोता,
एक बीज खेत में बोता।
आज दोनों हैं परेशान,
जय हो जवान और किसान।
समुन्द्र सिंह चाहे बताना,
अगर देश को है बचाना।
तो इनका करो सम्मान,
जय हो जवान और किसान।
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