इतना कुछ था (कविता)

इतना कुछ था दुनिया में
लड़ने-झगड़ने को

पर ऐसा मन मिला
कि ज़रा-से प्यार में डूबा रहा

और जीवन बीत गया...


रचनाकार : कुँवर नारायण
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