इश्क़ के रस्तों पर शे'र कहेंगे (शेर)

इश्क़ के रस्तों पर शे'र कहेंगे,
आज हसीनों पर शे'र कहेंगे।


लेखन तिथि : 25 जुलाई, 2021
यह पृष्ठ 224 बार देखा गया है
स्रोत :
ग़ज़ल - इश्क़ के रस्तों पर शे'र कहेंगे
अरकान: फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ा
तक़ती: 22 22 22 22 2
×
आगे रचना नहीं है


पिछली रचना

बात पुरानी ताने मार रही है
कुछ संबंधित रचनाएँ


इनकी रचनाएँ पढ़िए

साहित्य और संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है। आपके द्वारा दिया गया छोटा-सा सहयोग भी बड़े बदलाव ला सकता है।

            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें