हवलदार है हम (कविता)

कई कहानियों का किरदार है हम,
और पेशे से एक हवलदार है हम।
भारतीय सेना की पतवार है हम,
चार्ज होल्डर व चौकीदार है हम।।

सेना पुलिस या पैरामिलिट्री फ़ोर्स,
अहम् स्तम्भ सबका होता ये रैंक।
हेडकॉन्स्टेबल, दीवान एवं सार्जेंट,
हवलदार भी कहते है यही रैंक।।

मातृभूमि के हम है ऐसे रखवाले,
महसूस करो कोई हमारे ये छाले।
शरहद की रक्षा करते है मतवाले,
चाहे बादल छा रहे हो घने काले।।

ख़ुद डूबकर नौका ये बचाने वाले,
सूरज के समान चमकदार है हम।
शरहद की रक्षा में मर-मिटने वाले,
देश के निष्ठावान पहरेदार है हम।।

मिटाना है भारत से अब उग्रवाद
ड्यूटी देते हम बनकर ईमानदार।
समझते है सभी के हम जज़्बात,
परख लेते हम कौन है गुनाहगार।।


रचनाकार : गणपत लाल उदय
लेखन तिथि : 20 जनवरी, 2020
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