सीय हरी जब रावण सिंधु को लांघि मिलाए दिए बजरंगी।
रावण के अभिमान गुमान का लंक जलाए दिए बजरंगी॥
प्रश्न उठा जब राम की भक्ति प्रमाण दिखाए दिए बजरंगी।
फाड़ के वक्ष सिया संग राम के दर्श कराए दिए बजरंगी॥
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