साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
पठानकोट, पंजाब
1975
गुम-सुम तन्हा बैठा होगा सिगरेट के कश भरता होगा उस ने खिड़की खोली होगी और गली में देखा होगा ज़ोर से मेरा दिल धड़का है उस ने मुझ को सोचा होगा मैं तो हँसना भूल गया हूँ वो भी शायद रोता होगा ठंडी रात में आग जला कर मेरा रस्ता तकता होगा
अगली रचना
पिछली रचना
साहित्य और संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है। आपके द्वारा दिया गया छोटा-सा सहयोग भी बड़े बदलाव ला सकता है।
रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें