घर (कविता)

यहाँ साड़ी माँगती,
फ़ीस माँगती बहन है।
घड़ी माँगता,
रोज़गार ढूँढ़ता भाई है।
यहाँ कुछ भी नहीं माँगती माँ है।
और कुछ न कहता
सिर्फ़ देखता हुआ पिता है।


रचनाकार : इब्बार रब्बी
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