प्रथम पूज्य गणनायक देवा,विघ्नेश्वर हितकारी।
शंकरसुवन पार्वतीनंदन, गणपति मंगलकारी॥
हे शिवनंदन, प्रातःवंदन, रिद्धि सिद्धि के दाता।
शूर्पकर्ण, गजवदन, विनायक, सर्व मोद प्रदाता॥
काम, क्रोध, मदनाशक देवा, अम्बिकेय दुःखहारी।
शंकरसुवन पार्वतीनंदन, गणपति मंगलकारी॥
श्री गणेश चतुर्भुज धारी, सबके भाग्य विधाता।
सिद्दिविनायक, कष्ट निवारक,हे विज्ञान प्रदाता॥
लम्बोदर द्वैमातुर बप्पा, मूसे की करे सवारी।
शंकरसुवन पार्वतीनंदन, गणपति मंगलकारी॥
मोदकप्रिय हे गौरीनंदन,दुःख संताप मिटाते।
हे एकदंत हे दयावंत, भक्तों पर कृपा लुटाते॥
हे सुखकर्ता, मंगलमूरति, सर्वविध संकट हारी।
शंकरसुवन पार्वतीनंदन, गणपति मंगलकारी॥
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