गजानन! तुम्हारी गूँजे जै-जैकार (गीत)

जय शिव नंदन, कृपा निकंदन, गौरी सुत सरकार
तुम्हारी गूँजे जै-जैकार।

वाहन तेरा मूसक राजे, मातु पिता के चरण विराजे
अनुपम ज्ञान दया के सागर, भरते सबकी खाली गागर
जग से बढ़ के, ईश्वर सबके, मातु पिता संसार
तुम्हारी गूँजे जै-जैकार।

रिद्धि सिद्ध अधिनायक तुम हो, जीवन के सुखदायक तुम हो
विघ्न विनाशक जगत नियंता, विघ्न हरो आकर भगवंता
भोग तुम्हारे, मोदक प्यारे, कर लो प्रभु स्वीकार
तुम्हारी गूँजे जै-जैकार।

बप्पा हो तुम सारे जग के, आसमान नभ जल थल मग के
विद्यावान गुणों में आगर, सत्य मार्ग दिखलाओ आकर
संकट भारी, आस तुम्हारी, सुन लो मेरी पुकार
तुम्हारी गूँजे जै-जैकार।


रचनाकार : सुशील कुमार
लेखन तिथि : 2023
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