साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
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अलीगढ़, उत्तर प्रदेश
1954
कहाँ है वह दुख चट्टानों से टक्कर मारता भरी-पूरी नदी जैसा और यह क्या है बूँद-बूँद टपकता मरे हुए साँप के विष जैसा।
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