धूम धड़ाका भँग चढ़ेगी,
होली में फिर भइया।
जीजा साली देवर भौजी,
करेंगे ता ता थइया।
मोटू पतलू लंबू छोटू,
सब झूमेंगे रे दइया।
डूब जाएँगे मस्ती में सब
चाची भाभी मइया।
ढोल नगाड़े बाजे गाजे,
मचेगी छइयाँ-छइयाँ।
रँग चढ़े पहचान न आवे,
को देवर को सइयाँ।
पीने वाले ख़ूब पिएँगे,
उस दिन लोग लुगइया।
होली में हुड़दंग मचेगा,
रँग में डूबे नइया।
धूम धड़ाका भँग चढ़ेगी,
होली में फिर भइया।
जीजा साली देवर भौजी,
करेंगे ता ता थइया।
साहित्य और संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है। आपके द्वारा दिया गया छोटा-सा सहयोग भी बड़े बदलाव ला सकता है।
सहयोग कीजिएरचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें