आँसू से मुँह न धोना तुम,
जीवन में धैर्य न खोना तुम।
हर दिन सपने उन्नति के,
दिल की मिट्टी में बोना तुम।
हर पल है अनमोल यहाँ,
इसको व्यर्थ न खोना तुम।
कठिनाई आएँ राहों में,
पर विचलित न होना तुम।
कुछ दुख के बादल छाए हैं,
इन्हें देख न रोना तुम।
आशाओं की लड़ियों में,
मायूसी न पिरोना तुम।
असफलताओं का बोझा,
ज़िंदगी भर न ढोना तुम।
जब तक न मिले मंज़िल,
'पंवार' चैन से न सोना तुम।

साहित्य और संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है। आपके द्वारा दिया गया छोटा-सा सहयोग भी बड़े बदलाव ला सकता है।
सहयोग कीजिएप्रबंधन 1I.T. एवं Ond TechSol द्वारा
रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें
