धैर्य न खोना तुम (कविता)

आँसू से मुँह न धोना तुम,
जीवन में धैर्य न खोना तुम।
हर दिन सपने उन्नति के,
दिल की मिट्टी में बोना तुम।
हर पल है अनमोल यहाँ,
इसको व्यर्थ न खोना तुम।
कठिनाई आएँ राहों में,
पर विचलित न होना तुम।
कुछ दुख के बादल छाए हैं,
इन्हें देख न रोना तुम।
आशाओं की लड़ियों में,
मायूसी न पिरोना तुम।
असफलताओं का बोझा,
ज़िंदगी भर न ढोना तुम।
जब तक न मिले मंज़िल,
'पंवार' चैन से न सोना तुम।


लेखन तिथि : जुलाई, 1999
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