साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3549
मुम्बई, महाराष्ट्र
1981
दीन अबलों की सुनिए, करूणामय विलाप। अंतः में सुकून मिले, और कटे संताप।।
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