साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3507
मुम्बई, महाराष्ट्र
1981
दंभ न कर तू जाति का, लाल सभी का रक्त। मेल-जोल सबसे करें, क्षण भर का है वक़्त।।
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