चने जोर गरम (गीत)

चने जोर गरम।
चने बनावैं घासीराम। निज की झोली में दुकान॥
चना चुरमुर चुरमुर बोलै। बाबू खाने को मुंह खोलै॥
चना खावै तौकी मैना। बोलै अच्छा बना चबैना॥
चना खाय गफूरन मुन्ना। बोलै और नहीं कुछ सुन्ना॥
चना खाते सब बंगाली। जिन धोती ढीली ढाली॥
चना खाते मियां जुलाहे। डाढ़ी हिलती गाहे-बगाहे॥
चना हाकिम सब जो खाते। सब पर दूना टिकस लगाते॥
चने जोर गरम-टके सेर।


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