चमक (कविता)

न ठनक
न खनक
न सनक
बस चुपचाप
धैर्य से
शांति से
अनवरत
सही दिशा में
होश और जोश के साथ
अपने लक्ष्य की ओर
आत्मविश्वास से
अपना कर्म कर
संसार
स्वतः प्रकाशित होने लगेगी
तेरी चमक से।


लेखन तिथि : 16 नवम्बर, 2022
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