साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
बोकारो, झारखण्ड
1981
मेरी माँ अभी मरी नहीं उसकी सूखी झुलसी हुई छाती और अपनी फटी हुई जेब अक्सर मेरे सपनों में आती हैं मेरी नींद उचट जाती है मैं सोचने लगता हूँ मुझे किसका ख़याल करना चाहिए किसके बारे में लिखनी चाहिए कविता?!
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