भारत की बेटी दुर्गा है,
भारत की बेटी सीता है।
रण चंडी बन वह युद्ध करे,
गीता सी परम पुनीता है।
लक्ष्मीबाई रजिया बन कर,
बैरी को मात दिया उसने।
राधा मीरा बन प्रेम लुटा,
जग को सौग़ात दिया उसने।
विद्या की देवी सरस्वती,
माँ पार्वती का मृदुल रूप।
वो अनसुइया वो सावित्री,
लक्ष्मी जी का अनुपम स्वरूप।
इसको अपमानित मत करना,
ऐ दुनियाँ वालों! सुन लो तुम।
नरक भोग कर जाओगे,
सब कान खोलकर सुन लो तुम॥

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