साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
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नई दिल्ली, दिल्ली
1963
ऐसे भी लोग हैं जो दूसरों की चिताओं पर अपनी रोटी सेक लेते हैं। पर वो कहाँ मिलेंगे जो बारिशों में भी आँसू देख लेते हैं।
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