बाग में चँदोवा (नवगीत)

फूलों का
खिंचा हुआ
बाग में चँदोवा।

पंखों पर
तितली के
गंध की सवारी।
है शेफाली
के फूलों की
छवि न्यारी।।

गुलाबों की
क्यारी का
अनोखा सँजोवा।

बंगले ने
कब से
पामेलियन पाले।
गली-गली
घूम रहे हैं
फेरीवाले।।

रखा होगा
तौल के
तराज़ू पर चोवा।


लेखन तिथि : 24 अक्टूबर, 2019
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