आपका अभिनन्दन है मेघराजा,
बारिश की बौछारें लेकर आजा।
आज बरसों तुम चारों और ऐसा,
स्वागत में खड़े लेकर बैंड-बाजा॥
सब पूज-रहें है बनाकर पकवान,
गूँज रहें मन्दिरों में तेरे शंख नाद।
हर इंसान के हृदय में घर कर दो,
एवं प्यार का ऐसा सैलाब भर दो॥
आज बरसों बदलीं बादल इतना,
खेतों में फ़सलें लहराएँ जितना।
भूल जाएँ नफ़रतें सब इंसान की,
बादल फुहारें बरसाओं यह ऐसी॥
प्यार की नई-नई कोंपले निकलें,
टुटे हुएँ दिलों के घाव यह भर दे।
ख़ुशियों से झूम उठें सारा जहान,
आख़िर तुम बादलों के भगवान॥
देवराज अमरनाथ देवेन्द्र देवपति,
सुरपति सुरेंद्र अमरेश अमरपति।
यह सारे इंद्रदेवता आपके है नाम,
मेघों के राजा आपकों है प्रणाम॥
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