श्याम नंदन पाण्डेय 'श्यामजी' | Shyam Nandan Pandey

श्याम नंदन पाण्डेय 'श्यामजी'


कृषि और ग्रामीण सुधार क्षेत्रों में कार्यरत। कविताओं के साथ-साथ गद्य लेखन में भी निपुण।


श्याम नंदन पाण्डेय

श्यामजी

1989

कृषि (वर्ष 2012 से कृषि व ग्रामीण सुधार कार्य में पूर्ण रूप से कार्यरत)

वर्ष 2006 से (16 वर्ष की उम्र) अर्थात 12वीं कक्षा से

स्नातक (भौतिक विज्ञान और गणित) वर्ष 2009
स्नातकोत्तर (Marketing और HR) वर्ष 2012 में

प्रेम नाथ पाण्डेय

सुषमा पाण्डेय

रीता पाण्डेय


बारे में


हिंदी के लेखक, कवि, चिंतक और प्रेरक श्याम नंदन पाण्डेय जी का जन्म 7 नवम्बर 1989 को उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिले के मनकापुर तहसील के एक छोटे से गाँव मरौचा मे हुआ और बचपन में अपने पिता श्री प्रेम नाथ पाण्डेय जी के सामाजिक व्यवहार,साहित्य और भाषा में रूचि की वजह से उनसे बहुत प्रेरित हैं और बचपन से ही इन्हे पत्र व निबंध लेखन से लिखने का शौक हुआ परिवार और गाँव मे हिंदी साहित्य मे लेखन और सांस्कृतिक गतिविधियों की वजह से लेखन के जरिए अभिव्यक्ति की जिज्ञासा और कौशल विकसित हुआ।
अपने पिता श्री प्रेम नाथ पाण्डेय और भारत भूषण श्री प्रांजल धर को अपना प्रेरणा श्रोत मानते हैँ।
वर्ष 2006 जब बारहवीं की शिक्षा प्राप्त कर रहे थे श्याम नंदन पाण्डेय जी ने 11वें राष्ट्रपति और मिसाईल मैन कहे जाने वाले बच्चों और युवाओं के प्रिय ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम जी को ख़त लिखा और मिलने की इच्छा ज़ाहिर की कलाम जी ने ख़त पढ़ा और ख़त के सत्यापन हेतु इनके तहसील और गाँव आएँ। गाँव में बहुत चर्चा हुई और सब ने बहुत सराहा पर किसी वजह से तत्कालीन राष्ट्र पति से इनकी भेंट नहीं हो पाई।
इनकी प्रारम्भिक शिक्षा गाँव के पास ही एक विद्यालय मे पूर्ण हुई। जहाँ पर इन्होने कई तरह के कॉम्पीटिशन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों मे हिस्सा लेकर अपनी लेखनी और अभिव्यक्ति कौशल को बढ़ावा दिया।
वर्ष 2009 मे विज्ञान और गणित में स्नातक कर वर्ष 2012 में UPTU के अंतर्गत डॉ॰ राम मनोहर लोहिया यूनिवर्सिटी से MBA मार्केटिंग और ह्यूमन रिसोर्स पूर्ण कर में परास्नातक में डिग्री हासिल की।
वर्ष 2015 में इनका विवाह रीता तिवारी से हुआ जो एक कुशल ग्रहणी होने के साथ साथ शिक्षिका भी हैं और इनके लेखन और पारिवारिक ज़िम्मेदारियों में पूरी तरह से सहयोग करती हैं।
वर्ष 2012 से ही देश के लगभग सभी राज्यों में महानगरों, शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण करने कर राज्य और केंद्र सरकार के साथ साथ निजी कंपनियों के कृषि प्रोजेक्ट्स पर कार्य कर रहे हैं जिसमें इन्होने किसानों, युवाओं और ग्रामीण इलाकों में कृषि सुधार, मार्केट लिंकेज और रोज़गार और शिक्षा के क्षेत्र में कार्य किया इस वजह से ज़मीनी जुड़ाव बना रहा और ये ज़मीनी जुड़ाव, समझ और इनका डाइवर्शीफाइड और डेमांस्ट्रटेड अनुभव इनकी रचनाओं में साफ़-साफ़ झलकता है।
इनके लेख और कविताएँ देश सभी प्रमुख समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में छपते रहते हैं।
श्याम जी लगभग डेढ़ दशक से कृषि क्षेत्र में कार्यरत हैं और भारतीय किसानों, ग्रामीण क्षेत्रों और कृषि की गहरी समझ और अनुभव है ये एक ब्लॉगर हैँ और ब्लॉगर पर विज्ञान, करंट अफेयर्स, कृषि, प्रेरणा, आध्यात्म, और जीवनशैली पर इनके बहुत सारे लेख उपलब्ध हैं।
एक लेखक के तौर पर ये कई इंथोलॉजी में सहलेखक रह चुके हैं और इनकी एकल प्रेरक पुस्तक कर्मन्य (सफलता और समृद्धि के प्रेरक मंत्र) वर्ष 2022 में विजयदशमी को लॉन्च हुई जिसकी समीक्षा देश के सभी प्रमुख समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में हुई और सराही जा रही है, युवाओं और किसानों बहुत में बहुत पसंद की जा रही है। कृषि और ग्रामीण सुधार क्षेत्रों में रूचि होने की वजह से इसी क्षेत्र में कार्यरत हैं और समय निकाल कर ब्लॉग लिखने कंटेंट क्रिएशन और कर्मन्य के दूसरे संकलन पर कार्य कर रहे हैं।


गोण्डा के और रचनाकार

लेख (4)



कविता (5)



            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें