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कोरोना योद्धाओं को सलाम
(संस्कृती शाबा गावकर)
आम आदमी और कोरोना
(प्रवीन 'पथिक')
तन्हाई को लगी हैं उम्र तो लगने दें
(कर्मवीर सिरोवा)
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(सुधीर श्रीवास्तव)
कोरोना
(विजय कृष्ण)
सारे रास्ते सुनसान है
(चीनू गिरि गोस्वामी)
कोरोना काल में
(पंकज चतुर्वेदी)
ऑमिक्रोन वैरिएंट से रखना दूरी
(गणपत लाल उदय)
कोरोना की कहानी
(दीपक झा 'राज')
लॉकडाउन और मधुशाला
(अजय कुमार 'अजेय')
कोरोना का अंधकार
(ब्रजेश कुमार)
एक कण
(अखिलेश श्रीवास्तव)
महामारी
(अखिलेश श्रीवास्तव)
महामारी लगी थी
(गुलज़ार)
लॉकडाउन और बढ़ती बेरोज़गारी
(संस्कृती शाबा गावकर)
मौत का तांडव
(सुषमा दीक्षित शुक्ला)
आँसू की नदिया बही
(अविनाश ब्यौहार)
छँटे रात्रि फिर सबेरा
(डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज')
कोरोना से बचना है तो
(अविनाश ब्यौहार)
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