ज़माना तो सितमगर है,
हवाओं का यहाँ डर है।
जहाँ में बस झमेले हैं,
अमन को चाहने घर है।
डकैती पड़ गई होगी,
अगरचे पास में ज़र है।
बहारें क्यों बुलाएँगीं,
समय को मान लो खर है।
दुआएँ साथ लेता जा,
अमंगल सामने गर है।
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