वृक्ष लगाओ, पुण्य कमाओ (कविता)

पुण्य कमाओ या न कमाओ
पहले अपना जीवन बचाओ,
धरा की हरियाली न मिटाओ,
अपने हाथों ही जीवन न गँवाओ।
धरती को न वीरान करो,
सड़कों को न शमशान करो,
प्राणवायु का संकट अभी तो झेला है,
प्राण संकट में हो, ऐसा कुछ न करो।
माना कि एक अकेले तुम्हारे से
कुछ भी नहीं होने वाला,
मगर आगे आकर पहले
अपना फ़र्ज़ तो निभाओ।
रोना बाद में रो लेना,
पहले अपने हिस्से का
दस पेड़ तो लगाओ।
कोई किसी को नसीहत न दो
सिर्फ़ दस पेड़ लगाओ,
किसी और की ख़ातिर नहीं
अपनों ख़ातिर आगे आओ।
वृक्षविहीन होती धरती
देखो आज सिसक रही है,
हमारी बेवकूफ़ियों से
महसूस करो हाँफ रही है।
अब हम सब की ज़िम्मेदारी है,
पुण्य कमाने के लिए ही सही
पेड़ लगाने की अब हमारी बारी है।


लेखन तिथि : 23 सितम्बर, 2021
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