आज़ादी के मतवाले ऐसे भगत पर हमें है नाज़,
कृतज्ञ राष्ट्र कर रहा शहीद सेनानी तुमको याद।
रोगंटे खड़े कर दे ऐसे विचारों के धनी रहें आप,
छोटी उम्र में शहीद हुएँ राष्ट्र करता नमन आज।।
हिंदी अंग्रेजी संस्कृत पँजाबी उर्दू के विद्वान रहें,
आप अच्छे वक्ता पाठक लेखक व पत्रकार रहें।
नौजवानों को प्रेरणा वाले स्वतन्त्रता सेनानी रहें,
अंग्रेजों को झकझोरने वाले बब्बरशेर आप रहें।।
28 सितम्बर को जन्में विद्यावती माता के गर्भ,
पिता का नाम सरदार किशन सिंह सिन्धु इनके।
23 वर्ष में प्राण न्यौछावर कर दिए हँसते-हँसते,
बचपन से ही दूर-दूर चर्चे थे ऐसे भगत सिंह के।।
लेखक भी थे भगतसिंह क्रांतिकारी विचार भरें,
अनेंको संकलन है प्रकाशित दस्तावेज भरें पड़े।
कई लेख लिखें एक शहीद जेल नोटबुक लिखें,
बचपन से ही देशभक्त थे घरवाले सब बड़े-बड़े।।
देशप्रेम में भगत सिंह काॅलेजी पढ़ाई छोड़ दिएँ,
असहयोग आंदोलन में गाँधी संग समर्थन किएँ।
अंग्रेजों को खुले आम यह बहादूर ललकार करें,
इंकलाब जिंदाबाद करते हँसते फाँसी झूल गएँ।।
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