उसने सरकारी नौकरी के लिए आवेदन किया। काॅल लेटर मिलने के पश्चात उसने परीक्षा मेरिट मे पास की। उसे नियुक्ति प्रमाण पत्र कई जगह से मिला। किन्तु उसने न्याय विभाग का चयन किया क्योंकि वह दीन हीन-दुखियों, अबलाओं-पीड़ितों को उचित न्याय दिलाना चाहता था। सामाजिक न्याय को लेकर वह विशेष चिंतित था। दिन, महीने, साल गुज़रे उसे मक्खी मारने के लिए लूपलाइन में डाल दिया गया क्योंकि वह ईमानदार था और ईमानदारी की यही सज़ा थी। और उसकी मेरिट लिस्ट मुँह छुपाए थी, शर्मसार थी। भर्राशाही और बदअमली ने उसे अयोग्य करार दिया था।
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