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सावन की घटाओं (कविता)

सावन की घटाओं, धीरे धीरे बरसो।
मंद मंद पवन संग, प्रीत का राग गाओ।।

सजने लगी सुहागनें,
हाथों में हरी हरी चूडियाँ,
मेंहदी से हाथ सजे,
बजने लगी पैरों में पैजनियाँ,
सखियों की अठखेलियाँ,
हास परिहास की पहेलियाँ,
आओ रे सखी गीत गाओ।
सावन की घटाओं...

मन-मयूर नृत्य करे,
गीत गाए हृदय की धडकनें,
प्रीतम के रंग में रंगी,
तन मन की उल्लासें,
कोई बुलाए अपने प्रिय को,
कोई मनाए रूठे सजन को,
आओ रे सखी, रूठे को मनाओ।
सावन की घटाओं...


रचनाकार : कमला वेदी
लेखन तिथि : 21 जुलाई, 2021
            

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