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प्रेम में आस (कविता) Editior's Choice

यादों की कसक लिए
खोजती है ये निगाहें
प्रेम में ये खोज यूँ ही जारी रहे
'तबस्सुम' खिलता रहे नजारत बढ़ती रहें,
क्योंकि प्रेम में बिछुड़न से मिलन की आस है दोस्तों
यही आस विश्वास है दोस्तों।


रचनाकार : विनय विश्वा
लेखन तिथि : 22 अगस्त, 2022
            

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