देशभक्ति / सुविचार / प्रेम / प्रेरक / माँ / स्त्री / जीवन

प्रेम (कविता) Editior's Choice

तेरी अनुपस्थिति ही
प्रेम का एहसास कराती है
पल भर का मिलन
फिर बिझड़न
उस पल में मेरी तड़पन
तेरी यादों ने फिर जोड़ा
मेरे टूटे वीणा के तार
हलचल जो शांत हुई थी
मेरे जीवन के ठहरे जल में
तेरी यादों के कंकड़ ने
उसमें मचा दी फिर हलचल।


लेखन तिथि : 26 मई, 2022
            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें