पड़ता है अब
लू लपटों का
जमकर चाँटा!
सूरज
ज्वालामुखी है
किरने लावा!
पोखर ठोंके
कोर्ट में
जल का दावा!
ताल हुए डबरे
गर्मी ने
ऐसा डाँटा!
छाँव भी
पेड़ों से
माँग रही पनाह!
मन के
आँगन में
घुसकर बैठी डाह!
इसी वजह से
मौसम को
ॠतुओं में बाँटा!
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