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फगुनाई ठौर है (नवगीत)

फागुन के रंगों में
एक रंग और है!

रंग है मधुमास का!
हताशा में आस का!!
उड़ती हवाइयों में,
रंग है परिहास का!!

गंध का हिंडोला है
आमों मे बौर है!

कई रंग फूलों में!
रंग है बबूलों में!!
नदिया की लहरों में,
मीठी सी भूलों में!!

आस पास झुरमुट है
फगुनाई ठौर है!


लेखन तिथि : 2019
            

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