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नटखट रचावे लीला न्यारी हो (लोकगीत)

नटखट रचावे लीला न्यारी हो
मोरा बाँके बिहारी
नटखट रचावे लीला न्यारी हो
मोरा बाँके बिहारी
बाँके बिहारी मोरा बाँके बिहारी
बाँके बिहारी मोरा बाँके बिहारी
नटखट रचावे लीला न्यारी हो
मोरा बाँके बिहारी
नटखट रचावे लीला न्यारी हो
मोरा बाँके बिहारी।

आई पूतना बालक उठाने
बालक उठाने हो बालक उठाने
दूध मुँहे को माहुर पिलाने
माहुर पिलाने हो माहुर पिलाने
हर लिए प्राण पटवारी हो
मोरा बाँके बिहारी
बाँके बिहारी मोरा बाँके बिहारी
बाँके बिहारी मोरा बाँके बिहारी
नटखट रचावे लीला न्यारी हो
मोरा बाँके बिहारी
नटखट रचावे लीला न्यारी हो
मोरा बाँके बिहारी।

ग्वाल बाल संग गैया चरावे
गैया चरावे हो गैया चरावे
जमुना के तट पर खेले खिलावे
खेले खिलावे हो खेले खिलावे
खेल-खेल में नथाया कालिया भारी हो
मोरा बाँके बिहारी
बाँके बिहारी मोरा बाँके बिहारी
बाँके बिहारी मोरा बाँके बिहारी
नटखट रचावे लीला न्यारी हो
मोरा बाँके बिहारी
नटखट रचावे लीला न्यारी हो
मोरा बाँके बिहारी।

गोपियाँ सारी माखन छुपावे
माखन छुपावे हो माखन छुपावे
गोविंदा बन कर माखन चुरावे
माखन चुरावे हो माखन चुरावे
फोड़ दिया मटका बनवारी हो
मोरा बाँके बिहारी
बाँके बिहारी मोरा बाँके बिहारी
बाँके बिहारी मोरा बाँके बिहारी
नटखट रचावे लीला न्यारी हो
मोरा बाँके बिहारी
नटखट रचावे लीला न्यारी हो
मोरा बाँके बिहारी।

लगा गरजने मेघ क्षितिज पर
मेघ क्षितिज पर हो मेघ क्षितिज पर
मदी इंद्र के भारी क़हर पर
भारी कहर पर हो भारी क़हर पर
तोड़ दिया घमंड गोवर्धन धारी हो
मोरा बाँके बिहारी
बाँके बिहारी मोरा बाँके बिहारी
बाँके बिहारी मोरा बाँके बिहारी
नटखट रचावे लीला न्यारी हो
मोरा बाँके बिहारी
नटखट रचावे लीला न्यारी हो
मोरा बाँके बिहारी।


रचनाकार : आशीष कुमार
लेखन तिथि : 1 अगस्त, 2022
            

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