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नारी का सम्मान (कविता)

सौंदर्य से मत आँकिए,
आँकिए उन्हें ज्ञान से।
वह दान की कोई वस्तु नहीं।
बेटी है, वो आपकी कहिए सबसे शान से।

मौका उन्हें भी दीजिए अपने बेटों की तरह कुछ करने को,
और अपने सपने को पुरा करने को।
अभी तो बस चलना हीं सीखा है।
थोड़ा पंख लगने दीजिए।
बहन है वो आपकी आज़ादी उन्हें भी दिया कीजिए।

ग़लतियाँ उनकी भी माफ़ करिए,
जैसे अपने लाडले का करते हैं।
छोटी सी ग़लती पर सज़ा मत दिया कीजिए।
अर्धांगिनी है वो आपकी सम्मान दिया कीजिए।
भार्या है वो आपकी आदर किया कीजिए।

वह कोई निर्जीव नहीं वह भी सजीव है,
कठपुतलियों की तरह मत नचाया करिए।
थोड़ा वक़्त लगेगा सम्भलने में,
थोड़ा वक़्त लगेगा सम्भालने में,
इतनी जल्दी दबाव मत बनाया करिए।
बहु है वो आपकी थोड़ी क़दर किया कीजिए।
नारी का सम्मान किया कीजिए।

वहीं तो हैं, जो आपकी सुनती हैं,
वहीं तो हैं, जो आपकी हर ग़लती माफ़ करतीं हैं।
कभी दिल का बात उनका भी सुना कीजिए।

चाहतीं वो भी है आपकी हर इच्छा पूरी हो,
तकलीफ़ उन्हें भी होती है, ज़िद कम किया कीजिए।
माँ हैं वो आपकी, उनका कहा मान लीजिए।
माँ हैं वो आपकी, हाल उनका भी सुना कीजिए।
नारी का सम्मान किया कीजिए।।


रचनाकार : मोनी रानी
लेखन तिथि : 2021
            

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