होने लगी झमाझम बारिश
नदी है उफान पर।
बिजली कड़क रही है
बादल काले-काले हैं।
कुछ नहीं है खंडहर में,
मकड़ी के जाले हैं।।
सौंदर्य प्रसाधन बेचने
बैठी है दुकान पर।
पकी फ़सल तो खेत की
गर्व से फूली छाती।
झगड़ने लगी दीपक से है
दीपक की बाती।।
पड़ रहीं प्रेमी युगल की
उड़ती बातें कान पर।
हुई युद्ध की विभीषिका
जहाँ देखो वहीं पर।
शांति का संदेश लाया
श्वेत कपोत कहीं पर।।
जीना बहुत लगेगा मुश्किल
संगदिल जहान पर।
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