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मेरे पापा (कविता)

शान मान और अभिमान हैं पापा।
मेरे जीवन की पहचान हैं पापा।
पापा है तो हर सपने अपने,
हर मुश्किल का आसान हैं पापा।

जर ज़मीन ज़ागीर हैं पापा।
ईश्वर का ही एक रूप हैं पापा।
आपका ये क़र्ज़ चुका सकते नहीं,
इतने हम पर तेरे उपकार हैं पापा।

मेरी हर समस्या का समाधान हैं पापा।
हर शौक जो पूरी कर दे वो आप हैं पापा।
जिनकी साया में रहते हम निडर है,
उस वट वृक्ष की छाँव हैं पापा।

माँ का सिंदूर बेटी की आस हैं पापा।
मेरी हिम्मत और उमंग हैं पापा।
जिसपे पूरा परिवार टिका,
उस घर का विश्वास हैं पापा।


लेखन तिथि : 20 सितम्बर, 2019
            

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