बर्तन, भाड़े,
घर गिरवी,
कोर्ट खींचता खाल!
मिलें प्रकरण
पर तारीख़ें!
घनचक्कर
यहीं से सीखें!
मुक़दमेबाजी
हुई है अब
जी का जंजाल!
कोर्ट है,
पुलिस है,
चोर है!
आपस में
जुड़ती
डोर है!
देख महँगा न्याय
बूझे
विक्रम से बेताल!
रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें