वाराणसी, उत्तर प्रदेश | 1433 - 1540
मस्जिद सों कुछ घिन नहीं, मंदिर सों नहीं पिआर। दोए मंह अल्लाह राम नहीं, कहै रैदास चमार।।
रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें