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कान्हा कृष्ण मुरारी (दोहा छंद) Editior's Choice

अभिनंदन कान्हा जनम, विष्णु रूप अवतार।
बालरूप लीला मधुर, शान्ति प्रेम रसधार॥

नंदलाल श्री कृष्ण भज, वासुदेव घनश्याम।
कर्मवीर पथ सारथी, धर्म सत्य श्रीधाम॥

कन्हैया यशुमति लला, दामोदर गोपाल।
लीलाधर षोडश कला, मोर मुकुट शुभ भाल॥

मनमोहन माधव मधुर, मन मुकुन्द अभिराम।
गिरिधर नटवर बाँसुरी, पंचम स्वर सुखधाम॥

माखन मिसरी हाथ में, भोले माखनचोर।
कृष्ण मुरारी चारुतम, दर्शनीय चितचोर॥

मातु यशोदा लाल हिय, जीवन सुख आनंद।
वृन्दावन मधुवन ललित, खिले कृष्ण मकरंद॥

प्रेम भक्ति प्रतिरूप हरि, शौर्य सुदर्शन चक्र।
मुरली जीवन गीत जग, शान्तिदूत सम अर्क॥

कृष्ण मनोहर लाल हरि, अच्युत नन्द किशोर।
शरणागत वत्सल प्रभो, शान्ति प्रेम रणछोर॥

योगेश्वर केशव मुदित, देख राधिका प्रीत।
प्रेम रोग श्रीकृष्ण फँस, गाए मुरली गीत॥

बंशीधर अनुराग मन, देख राधिका हर्ष।
कोमल लतिका लवंगी, मुदित प्रेम उत्कर्ष॥

वामांगी गोविन्द की, लक्ष्मीधर की शक्ति।
गोरी मुग्धा राधिका, कृष्ण प्रेम हिय भक्ति॥

गज़ब राग हरि बाँसुरी, लज्जित है पिकगान।
कालिन्दी राधारमण, रखे राधिका मान॥

गिरधारी गोधन सखा, भज राधा गोपाल।
राष्ट्र धर्म जग प्रीत मन, सुन्दर नैन विशाल॥


लेखन तिथि : 19 अगस्त, 2022
            

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