देशभक्ति / सुविचार / प्रेम / प्रेरक / माँ / स्त्री / जीवन

जितना कम सामान रहेगा (ग़ज़ल) Editior's Choice

जितना कम सामान रहेगा,
उतना सफ़र आसान रहेगा।

जितनी भारी गठरी होगी,
उतना तू हैरान रहेगा।

उस से मिलना ना-मुम्किन है,
जब तक ख़ुद का ध्यान रहेगा।

हाथ मिलें और दिल न मिलें,
ऐसे में नुक़सान रहेगा।

जब तक मंदिर और मस्जिद हैं,
मुश्किल में इंसान रहेगा।

'नीरज' तू कल यहाँ न होगा,
उस का गीत विधान रहेगा।


  • विषय :
            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें