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जब जिसने है अपकार किया (गीतिका)

जब जिसने है अपकार किया,
कुछ भी हो अंगीकार किया।

थोड़ी सी राहत माँगी थी,
पर उनने है इंकार किया।

युद्ध अगर हल ही होगा तो,
मैंने भी चीख़-पुकार किया।

है नहीं उतरती बात गले,
औ उस वक्त प्रतीकार किया।

ये दुनिया पागलखाना है,
दुश्मन माना जो प्यार किया।


  • विषय :
लेखन तिथि : 24 मार्च, 2022
आधार छंद : चौपाई
            

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