जब जिसने है अपकार किया,
कुछ भी हो अंगीकार किया।
थोड़ी सी राहत माँगी थी,
पर उनने है इंकार किया।
युद्ध अगर हल ही होगा तो,
मैंने भी चीख़-पुकार किया।
है नहीं उतरती बात गले,
औ उस वक्त प्रतीकार किया।
ये दुनिया पागलखाना है,
दुश्मन माना जो प्यार किया।
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