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हमको नशा है (कविता)

हमको नशा है अपनें वतन के ध्वज का,
भारत के प्यारे अपने इस संविधान का।
राष्ट्रीय-गीत और हमारे राष्ट्रीय-गान का,
हिन्द का गौरव इस हिंदी राजभाषा का।।

राष्ट्रीय पक्षी मोर व राष्ट्रीय पशु बाघ का,
खेल में हाकी व राष्ट्रीय मुद्रा रुपया का।
चिन्ह अशोक स्तम्भ एवं भारत रत्न का,
फल में आम व कमल के इस फूल का।।

राष्ट्रीय लिपि देवनागरी व गंगा-नदी का,
राष्ट्रीय शपत एवं इस गांधी जयंती का।
स्वतंत्रता-दिवस एवं गणतंत्र-दिवस का,
साका कलैंडर वट वृक्ष/बरगद पेड़ का।।

हमको नशा है सभी राष्ट्रीय प्रतीकों का,
जलचर डाॅलफिन व हिंद की सेना का।
राष्ट्र के पिता बापू महात्मा गांधी जी का,
हमारी मातृ-भूमि और भारतीयता का।।


रचनाकार : गणपत लाल उदय
लेखन तिथि : 25 जनवरी, 2022
            

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