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हमारी ज़िंदगी (कविता)

रास्ते कई हैं ज़िंदगी में,
पर चलना हमे है।
सपने कई हैं ज़िंदगी में,
पर चुनना हमे है।

मुश्किलें बहुत है ज़िंदगी में,
पर संभलना हमे है।
ग़म बहुत हैं ज़िंदगी में,
पर मुस्कुराना हमे है।


रचनाकार : दीपक झा 'राज'
लेखन तिथि : 10 मार्च, 2002
            

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