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हिन्दी बोल इंडिया (कविता)

हिन्दी बोल इंडिया कहकर क़लम आज चलानी है,
सरल शब्दों में कहा जाएँ तो यह बहुत वंदनीय है।
वैश्विक स्तर पे जानते है अब राष्ट्रभाषा बनवानी है,
कई ऑफ़िस दफ़्तरों में जिसकी दशा दयनीय है॥

हिन्द को गौरवान्वित करती ये भाषा ऐसी प्यारी है,
इसमें जान इससे शान व इससे पहचान हमारी है।
देश विकास के आधार को यही मज़बूत बनाती है,
एकता सूत्र में यह पिरोती हिन्दी भाषा हमारी है॥

हर वर्ष मनाते हम‌ इसका मिलकर हिन्दी दिवस है,
हिंदी बोल इंडिया कहते लिखते लेख व निबंध है।
लेखक कवि एवं रचनाकार साहित्यकार विशेष है,
फैला रहे है यहीं मिलकर सारे विश्व में सुगन्ध है॥

ऐसे तो भारत देश में अनेंक तरह की ये भाषाएँ है,
पर भारतीयों के सम्मान की केवल भाषा हिंदी है।
इस अंग्रेजी का आज सर्वाधिक हो रहा उपयोग है,
लेपटाप मोबाइल कम्प्यूटर आधुनिकता सोच है॥

ज़िंदगी की इस कश्ती में सोच समझकर बैठना है,
हिंदी है हम हिंदुस्तान की ये भाषा हमें बोलना है।
बहन भाई चाचू चाची इन पड़ोसियों को बताना है,
हिन्दी बोल इंडिया कहकर सबको ही जगाना है।।


रचनाकार : गणपत लाल उदय
लेखन तिथि : 11 सितम्बर, 2022
            

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